KITABO KI DUNIYA ME
किताबो की दुनिया
पुस्तक- स्टोन्स इनतो स्कूल्स
लेखक- ग्रेग मारटेन्स
यह किताब lekhak के द्वारा प्रस्तुत "थ्रीकप्सऑफटी" किताब के अगली करी के रूप मे है. पहले मे उन्होने पाकिस्तान के दुर्गम इलाक़ो मे लरकियो के लिए स्कूल बानानो के अपनो प्रयासो का मार्मिक वृतांत दिया है.
इस किताब मे ग्रेग ने अफ़ग़ानिस्तान मे अपने स्त्री सिक्षा के प्रयासो का प्रेरक वृतांत प्रस्तुत किया है. 1999 मे अफ़ग़ानिस्तान के वाखहँ डर्रे से एक 47 सज्जित चौदह किर्गिग घूरसवार पाकिस्तान आते है और ग्रेग से वादा लेते है की वह पामीर की पहरियो के एक दुर्गम स्थल बोजाय गुंबद मे एक स्कूल बनाएंगे .इसी स्कूल कोब नाने की कहानी है यह किताब .ग्रेग को एस स्कूल बनाने के प्रयास मे मे काई और स्कूल बनाने परे .यह वृतांत काफी रोचक औ रप्रेरक है.
एक जगह ग्रेग लिखते है " हमलोग अफ़ग़ानिस्तान के हर गाव और कस्बो मे जहा बच्चे सिक्षा के लिए तरसते है और मा बाप एसे स्चूलो के निर्मन का सपना देखते है जिनके दरवाजेना सिर्फ उनको बेटे के लिए बल्कि बेटियो के लियो भी खुला होगा आशा की एक किरण जागा सके थे. इन जगहो मे वो जगहे भी खाश तौर पर शामिल थी जो एसे मर्दो के घेरे मे है जिनके पूरी ताकत इस झूठ को जिंदा रखने मे खर्च होती है की आ' कुरान सारीफ " मे यह शिख दी जाई है की ओ लरकी गणित पढ़ना चाहे उसके चेहरे पर तेज़ाब फेक देना चाहिए.
ग्रेग अपने प्रयासो से अमेरिकीसैन्य सेवा से आर्थिक साहयता प्राप्त करते है. सैनिक लोग नीय तौर पर भी आर्थिक साहयता करते है और उनके प्रॉजेक्ट के लिए भी सामग्री ले जाने लाने मे साहयता करते है.
इस सब के बाबजूद ग्रेग अमेरिकीनीतियो पर प्रतिकूल टिप्पणी करने से परहेज नाही करते है.वे मानते है की लाखो डोलोर के एक मिशीले के जगह दर्जनो स्कूल बनाए जा सकते है जिसमे हजारो च्छात्रा पद सकते है जो ज्यादा स्थाई शांति देगा..
तालिबानी ने उनके स्कूल को काफी नुकशाण पहुचाया पर स्थनिए लोगो के मदद से उनका होषला बढ़ा .
ग्रेग नारी सिक्षा के बारेपक्षधर है वा एक व्यक्ति को सिक्ष करने से ज्यादा विश्वास पूरे परिवार अर्थात नारी को सिक्षित करने मे है.
वे सिक्षा के साथ साथ खेल का भी बराबर महवा देते है .
ग्रेग ने एक जगह ह ग वेल्स कोलिखा है " इतिहासः , सिक्षा और प्रलय के बीच एक रेश है ".
खुद ग्रेग ने एक जगह बहुत खुबशुरआत और महत्वपूर्ण बात की है " बॅश एक बार दिल के दरवाजे खुल जाए और वह पढ़ना सीख ले , फिर तो पेर की हर पट्टी किताब का पन्ना बन जाती है"
पुस्तक- स्टोन्स इनतो स्कूल्स
लेखक- ग्रेग मारटेन्स
इस किताब मे ग्रेग ने अफ़ग़ानिस्तान मे अपने स्त्री सिक्षा के प्रयासो का प्रेरक वृतांत प्रस्तुत किया है. 1999 मे अफ़ग़ानिस्तान के वाखहँ डर्रे से एक 47 सज्जित चौदह किर्गिग घूरसवार पाकिस्तान आते है और ग्रेग से वादा लेते है की वह पामीर की पहरियो के एक दुर्गम स्थल बोजाय गुंबद मे एक स्कूल बनाएंगे .इसी स्कूल कोब नाने की कहानी है यह किताब .ग्रेग को एस स्कूल बनाने के प्रयास मे मे काई और स्कूल बनाने परे .यह वृतांत काफी रोचक औ रप्रेरक है.
एक जगह ग्रेग लिखते है " हमलोग अफ़ग़ानिस्तान के हर गाव और कस्बो मे जहा बच्चे सिक्षा के लिए तरसते है और मा बाप एसे स्चूलो के निर्मन का सपना देखते है जिनके दरवाजे
ग्रेग अपने प्रयासो से अमेरिकी
इस सब के बाबजूद ग्रेग अमेरिकी
तालिबानी ने उनके स्कूल को का
ग्रेग नारी सिक्षा के बारे
वे सिक्षा के साथ साथ खेल का भी
ग्रेग ने एक जगह ह ग वेल्स को
खुद ग्रेग ने एक जगह बहुत खुबशु
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